जानें क्या है भारतीय सेना का टूर ऑफ ड्यूटी प्लान ?


जानें क्या है भारतीय सेना का टूर ऑफ ड्यूटी प्लान ?

अगर आप भी जाना चाहते हैं इंडियन आर्मी में लेकिन लंबी अवधि के लिए नहीं तो कोई बात नहीं क्योंकि अभी इंडियन आर्मी ने लाया है | आपके लिए टूर आफ ड्यूटी प्लान इस प्लान की मदद से आप भारतीय  सेना में   जाने की सपनों को नई उड़ान दे सकते हैं | अगर आपमें इंडियन आर्मी में जाकर देश की सेवा करने का जज्बा है तो यकीन मानिए आपके मन की मुराद पूरी होने वाली है। आर्मी ने आम लोगों को ट्रेनिंग देने का प्लान तैयार किया है। भारतीय सेना एक ऐसे प्रपोजल पर काम कर रही है जिसके मुताबिक आम युवा लोग तीन साल के लिए आर्मी में शामिल हो सकते हैं। इस योजना को टूर ऑफ ड्यूटी ( Tour of Duty - ToD ) का नाम दिया गया है। ToD मॉडल पहले से चले आ रहे शॉर्ट सर्विस कमिशन जैसा होगा जिसके तहत वह युवाओं को 10 से 14 साल के आरंभिक कार्यकाल के लिए भर्ती करती है। अगर इस प्रपोजल को मंजूरी मिलती है तो सेना इसे लागू कर सकती है | 
भारतीय सेना द्वारा सामान्य नागरिकों को तीन साल के लिये सेना में शामिल करने के संबंधित एक प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। इस विचाराधीन प्रस्ताव को 'टूर ऑफ ड्यूटी'(Tour of Duty) से संबोधित किया गया है।



सेना के एक प्रवक्ता ने कहा, सेना भारत के आम नागरिकों को तीन साल की अवधि के लिए बल में शामिल करने के ‘टूर ऑफ ड्यूटी' के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सेना प्रतिभाशाली युवाओं को आकर्षित करने के लिए अनेक प्रयास करती रहती है। योजना के जरिए वे युवा भी सेना में शामिल हो सकेंगे जो छोटी अवधि के लिए  सेना  में  कार्यसेवा देना चाहते है 

टूर आफ ड्यूटी प्लान से होगा यह लाभ 

इस टूर ऑफ ड्यूटी मॉडल (टीओडी) से न सिर्फ सेना में युवाओं की संख्या बढ़ेगी बल्कि सेना को पैसों की बचत होगी। उसे ग्रेज्युटी व पेंशन नहीं देनी पड़ेगी। साथ ही सेना में  युवाओं  को आर्मी जैसे फील्ड छोटी अवधि में सेवा देने के  रुझान  भी बढ़ेगी  
शॉर्ट सर्विस कमिशन के जरिए सेना में भर्ती हुए अफसरों को रिलीज करने तक प्री-कमीशन ट्रेनिंग, वेतन व अन्य खर्च के तौर पर 10 साल में 5.12 करोड़ व 14 वर्ष के लिए 6.83 करोड़ खर्च करने पड़ते हैं। जबकि तीन साल के लिए शामिल हुए लोगों पर सिर्फ 80 से 85 लाख का खर्च आएगा। 
शार्ट सर्विस कमीशन (Short Service Commission- SSC) के द्वारा सेना में आने पर न्यूनतम 10 वर्ष की अवधि के लिये सेवा प्रदान करनी होती है जबकि टूर ऑफ ड्यूटी में यह अवधि 3 वर्ष के लिये होगी। 

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