शहीद ए आजम भगत सिंह स्वतन्त्रता आंदोलन के सबसे प्रभावशाली क्रान्तिकारी भगत सिंह जी का जन्म
28 सितम्बर 1907 को हुआ था ।एवं उनकी मृत्यु 23 वर्ष की अल्पायु में 23 मार्च 1931 को हुई।
उन्होंने अपने जीवनकाल में क्रांति का ऐसा प्रभाव डाला कि वे आज भी सदा युवाओ के लिए प्रेरणादायक बने रहेंगे । आपके नाम से हमेशा भारत देश मे क्रांतिवीर की चिंगारी रहेगी। भगत सिंह राजगुरु एवम सुखदेव थापर के साथ एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जान पी सांडर्स को मारने की साजिश की उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान की जिसके लिए उन्हें मौत की सजा सुनाई।
इन्होंने देश की आज़ादी के लिए साहसपूर्ण के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया
28 सितम्बर 1907 को हुआ था ।एवं उनकी मृत्यु 23 वर्ष की अल्पायु में 23 मार्च 1931 को हुई।
उन्होंने अपने जीवनकाल में क्रांति का ऐसा प्रभाव डाला कि वे आज भी सदा युवाओ के लिए प्रेरणादायक बने रहेंगे । आपके नाम से हमेशा भारत देश मे क्रांतिवीर की चिंगारी रहेगी। भगत सिंह राजगुरु एवम सुखदेव थापर के साथ एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जान पी सांडर्स को मारने की साजिश की उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान की जिसके लिए उन्हें मौत की सजा सुनाई।
इन्होंने देश की आज़ादी के लिए साहसपूर्ण के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया
भगत सिंह जी की चिरस्मरणीय विचार
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल मे है
देखना है जोर कितना बाजू ए- कातिल में है
-★★भगत सिंह
देखना है जोर कितना बाजू ए- कातिल में है
-★★भगत सिंह
राख का हर एक कण
मेरी गर्मी से गतिमान है।
मैं एक ऐसा पागल हूँ
जो जेल में भी आजाद हूँ।
-★★भगत सिंह
मेरी गर्मी से गतिमान है।
मैं एक ऐसा पागल हूँ
जो जेल में भी आजाद हूँ।
-★★भगत सिंह
जो भी व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है
उसे हर एक रूढ़िवादी चीज का आलोचना करनी होगा
उसमे अविश्वास करना होगा उसे चुनौती देने होगी।
-★★भगत सिंह
उसे हर एक रूढ़िवादी चीज का आलोचना करनी होगा
उसमे अविश्वास करना होगा उसे चुनौती देने होगी।
-★★भगत सिंह
वे मुझे मार सकते है ,लेकिन मेरे विचारों को नही
वे मेरे शरीर को कुचल सकते है ,लेकिन मेरे आत्मा को नही
-★★भगत सिंह
वे मेरे शरीर को कुचल सकते है ,लेकिन मेरे आत्मा को नही
-★★भगत सिंह
मेरे जज्बातों से इस कदर वाकिफ है मेरी कलम
मैं इश्क भी लिखना चाहूँ तो इंकलाब लिख जाता हूँ
-★★भगत सिंह
मैं इश्क भी लिखना चाहूँ तो इंकलाब लिख जाता हूँ
-★★भगत सिंह
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